The smart Trick of पारद शिवलिंग प्राइस That No One is Discussing

किसी बड़े पात्र में स्फटिक शिवलिंग को रखें और इसके ऊपर बेलपत्र और जल अर्पित कर पूजा अर्चना करें।

पारे, चाँदी और जड़ी बूटी को मिलाकर के जो शिवलिंग बनता है, वह पारद शिवलिंग कहा जाता है। शास्त्रों के अनुसार, भगवान शिव को पारा बहुत प्रिय है और उनके इस शिवलिंग की पूजा करने का विशेष महत्व है।।

सांसारिक सुखो की प्राप्ति होती है पारद कहते हैं पारा यानी मरकरी को जो आपको थर्मामीटर के अंदर चमकता हुआ दिखता है।

सुखी जीवन का सूत्र: एक शिष्य ने रामकृष्ण परमहंस से पूछा कि सभी लोग सुख-सुविधाओं का लाभ उठाते हैं, लेकिन साधु-संतों के लिए इतने कठोर नियम क्यों बनाए गए हैं?

You don't have to transcend your means for a automobile if there is certainly Bill Pricing. We discover you a car or truck at manufacturing unit prices.

परभणीतील नांदखेडा रस्त्यावरील बेलेश्वर कॉलेज समोर हे ठिकाण आहे.

इस श्लोक में बताया गया है कि करोड़ों शिवलिंगों के पूजन से जो फल प्राप्त होता है, उससे भी करोड़ गुना ज्यादा फल पारद शिवलिंग की पूजा और दर्शन से प्राप्त होता है। पारद शिवलिंग के स्पर्श मात्र से सभी पापों से मुक्ति मिल सकती है।

पारद के शिवलिंग यानी पारदेश्वर महादेव जी की पूजा की इतनी महान महिमा पुराणों और उपनिषदों में बताई गयी है

पारद शिवलिंग से अकाल मृत्यु का भय समाप्त हो जाता है।



- थाल या पात्र में एकत्रित जल को पौधों में डाल सकते हैं.

फिर इसे घर के पवित्र स्थल पर पूर्व या उत्तर-पूर्व की ओर स्थापित करें।

रुद्र संहिता , पारद संहिता , ब्रम्हपुराण , शिव पुराण , उपनिषद , अशा अनेक ग्रंथात पारद check here शिवलिंगाचे वर्णन दिले गेले आहे.

श्रावण सोडून इतर कोणत्याही वेळी ह्याची स्थापना विधी विधानाने करावी लागेल असे माझे मत आहे.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *